भाग 35 - मेवाड़ का इतिहास
रावल समर सिंह
रावल समर सिंह का जन्म:-
1273 ई. में मेवाड़ के शासक बने रावल समरसिंह के 2 पुत्र हुए - रतनसिंह व कुम्भकर्ण कुम्भकर्ण नेपाल चले गए | नेपाल का राजवंश यहीं से निकला | नेपाल के शासकों ने "राणा" की उपाधि धारण की |
रावल समर सिंह का राज्यकाल(1273 – 1301 ईस्वी)
रावल समर सिंह ने अल्लाहुद्दीन खिलजी से कर वसूला जब अल्लाहुद्दीन खिलजी गुजरात में युद्ध के लिए जा रहा था तो मेवाड़ से होकर गुजरा तो मेवाड़ को पास करने के लिये उसे समर सिंह को रस्ते का कर देना पड़ा इस बात से उसके मन में बदला लेने की भावना उत्पन्न हो गयी |
रावल समर सिंह
के युद्ध
मृत्यु
1302 ई.
में रावल समरसिंह का देहान्त हुआ व इनके पुत्र रावल रतनसिंह मेवाड़ के शासक बने
Rana Samar Singh ptni Ka name
जवाब देंहटाएंMaharani partha
हटाएंinki patni dungarpur ki thi
हटाएंPratha
जवाब देंहटाएंदरबारी विदान
जवाब देंहटाएंAjmer ki rajkumari pratha
जवाब देंहटाएंPrithvi raj Chauhan ki behan Paratha.
जवाब देंहटाएंSister of prithvi raj chuhan
जवाब देंहटाएंPrithviraj Chauhan ki bhn s inki shadi nhi hui kyuki wo 1192 m the ye 1301 m the socho unki bhn ki shadi insse kese ho skti h ?
जवाब देंहटाएंHaa lekin prithiviraj raso me kaha hai ki unki shaadi hui thi par sambhav hai ki ye wo nahi the
हटाएंPrithviraj raso mai jhoot likha hai
हटाएंPrithviraj Vijay hai jisme sab sach likha h
Vo Raval Samant singh the
हटाएंparthvraj chouhan 3 ki bhen(partha bai) ki shadi samant shing se hui thi jo 1192 tarain ke yudd me mara gya tha
हटाएंवो सामंत सिंह मेवाड़ थे ।इनका विवाह प्रथा बाई से हुआ था।।
हटाएंPrithviraj chauhan ke samaya ke samar singh kon the kyu ki isme samar singh ka karykal prithviraj ke mar jane ke bad ka hai
जवाब देंहटाएंपृथ्वीराज चौहान का दोस्त था समर सिंह मोहम्मद गोरी ने आक्रमण कर दिया था चित्तौड़गढ़ पर तब मदद मांगने आया था समर सिंह पृथ्वीराज से उसके बाद
हटाएंवो सामंत सिंह थे भाई
हटाएंSamar Singh father name
जवाब देंहटाएं